कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए देश मेंलॉकडाउन की घोषणा की गई। इससे सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हुई। उनकी नौकरी छिन गई, जिसके बाद वे वापस अपने घर जाना चाहते हैं। कई जगह इसकी मांग को लेकर प्रदर्शन भी हुआ। राज्यों की मांग के बाद केंद्र सरकार ने इन्हें ट्रेन से घर वापस भेजने का फैसला किया।
रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों के लिए एक मई से अब तक 115 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और एक लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया है।
मंगलवार रात तक ही रेलवे प्रवासी श्रमिकों के लिए 88 ट्रेन चला चुका था। उसने बताया कि इनमें से हर श्रमिक विशेष ट्रेन में 24 कोच हैं और प्रत्येक कोच में 72 सीटें हैं। लेकिन सामाजिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक कोच में 54 लोगों को ही बैठे की अनुमति है और इसलिए कोच में बीच वाली बर्थ किसी को भी नहीं दी जा रही है।
रेलवे की ओर से अभी आधिकारिक रूप से इन ट्रेनों के संचालन पर हुए खर्च को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया है कि उसने प्रत्येक ट्रेन के संचालन पर करीब 80 लाख रुपये खर्च किए हैं।
मंगलवार सुबह तक गुजरात स्टेशन से करीब 35 ट्रेनें चलाई गईं, जबकि केरल से 13 ट्रेनें चलीं। जबकि बिहार ने प्रवासी श्रमिकों वाली 13 ट्रेनों को राज्यों में प्रवेश दिया और आगे भी यही योजना है। प्राप्त डाटा के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने प्रवासी श्रमिकों वाली 10 ट्रेनों को आने दिया। हालांकि, पश्चिम सरकार ने ऐसी दो ट्रेनों को ही राज्य में प्रवेश की अनुमति दी, जिनमें से एक राजस्थान और दूसरी केरल से आई। झारखंड ने चार श्रमिक ट्रेनों को राज्य में आने दिया एवं दो और श्रमिक विशेष ट्रेनों को आने देने की योजना है।
रेलवे ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि ट्रेनें 90 फीसदी तक भरे होने और टिकट किराया राज्यों के जुटाने पर ही चलेंगी। हालांकि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि रेलवे विशेष ट्रेनों के किराये में 85 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है और बाकी बचे 15 फीसदी किराये का भुगतान राज्य सरकार को करना चाहिये।
1200 श्रमिकों को लेकर ट्रेन मुंबई से मध्यप्रदेश रवाना
नवी मुंबई से करीब 1,200 प्रवासी कामगारों को लेकर एक श्रमिक विशेष ट्रेन मंगलवार देर रात मध्य प्रदेश के रीवा के लिए रवाना हुई। मध्य रेलवे ने अपने टि्वटर हैंडल पर बताया कि ट्रेन नवी मुंबई के पनवेल स्टेशन से देर रात 12 बजकर 45 मिनट पर रवाना हुई। इस ट्रेन में वे यात्री सवार हैं जिनके नाम राज्य सरकार ने दिए और जिनका पंजीकरण किया गया। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि करीब 1,200 प्रवासी कामगार सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 24 बोगियों वाली विशेष ट्रेन में सवार हुए। मंगलवार रात को मध्य रेलवे ने पड़ोसी ठाणे जिले के कल्याण जंक्शन से दो श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाईं। दो मई के बाद से लेकर अब तक मध्य रेलवे ने मुंबई महानगर क्षेत्र भिवंडी, कल्याण और पनवेल स्टेशनों से मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए पांच श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं।